लेखक:
वन्दना गुप्ता
जन्म : 8 जून, 1967। शिक्षा : वाणिज्य स्नातक (दिल्ली यूनिवर्सिटी)। कविता और अन्य गद्य विधाओं सहित उपन्यास व आलेख लेखन। कविता-संग्रह : बदलती सोच के नये अर्थ, प्रश्नचिह्न... आख़िर क्यों ?, कृष्ण से संवाद, गिद्ध गिद्दा कर रहे हैं, भावरस माल्यम, बहुत नचाया यार मेरा, प्रेम नारंगी देह बैंजनी; कहानी-संग्रह : बुरी औरत हूँ मैं; उपन्यास :अँधेरे का मध्य बिन्दु, शिकन के शहर में शरारत; समीक्षा-संग्रह : सुधा ओम ढींगरा : रचनात्मकता की दिशाएँ, अपने समय से संवाद (केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय के सौजन्य से प्रकाशित); ई-कहानी संग्रह : अमर प्रेम व अन्य कहानियाँ; ई-कविता संग्रह : ये बेहया बेशर्म औरतों का ज़माना है स्टोरी मिरर ऑनलाइन पोर्टल पर। साझा संकलन : अन्तिम पड़ाव, कितने गुलमोहर, गूँगे नहीं शब्द हमारे (कहानी) सहित 18 साझा संग्रहों में कविताएँ व 12 साझा संग्रहों में आलेख, समीक्षा, व्यंग्य आदि प्रकाशित। प्रकाशित रचनाएँ : सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं तथा वेब माध्यमों आदि पर कहानी, कविता, समीक्षा और आलेख प्रकाशित। कविता कोश, हिन्दी समय, भारतकोश पर कविताएँ सम्मिलित। आल इंडिया रेडियो पर कविता पाठ। सम्मान : शोभना सृजन सम्मान, हिन्दुस्तानी भाषा साहित्य समीक्षा सम्मान, श्रेष्ठ सृजन हेतु आखर सम्मान, मानव रत्न अवार्ड आदि से सम्मानित। मो. : 9868077896 ई-मेल : rosered8flower@gmail.com |
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